पौड़ी।
बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम सामने आया है। इस पूरे मामले में शुरुआत से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गंभीरता और सक्रियता स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जो अंततः न्याय की उम्मीद को हकीकत में बदलने में सहायक रही।
घटना के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए न केवल मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए, बल्कि स्वयं अंकिता भंडारी के माता-पिता से मिलकर उन्हें हर संभव मदद और न्याय दिलाने का भरोसा भी दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक भी सौंपा और आश्वासन दिया कि इस मामले में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाएगी।
मुख्यमंत्री की इसी संवेदनशीलता और तत्परता का नतीजा है कि आज इस हत्याकांड के दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत सख्त सजा सुनाई गई है। सरकार की ओर से मामले की जांच बेहद सधे और मजबूत तरीके से की गई, जिससे कोर्ट में पेश की गई दलीलों और सबूतों का प्रभावी असर पड़ा। जांच रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड सरकार ऐसे मामलों में रत्तीभर भी लापरवाही बरतने के पक्ष में नहीं है।
सरकार की ओर से पेश की गई मजबूत पैरवी और तथ्यों के आधार पर अदालत ने दोषियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सजा सुनाई। इससे आमजन में यह विश्वास मजबूत हुआ है कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर है और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।
मुख्यमंत्री धामी ने बार-बार यह दोहराया कि अंकिता केवल एक परिवार की बेटी नहीं थी, बल्कि पूरे प्रदेश की बेटी थी, और उसकी हत्या को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आरोपी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून सभी के लिए बराबर है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार की इस सख्ती ने जनता में एक सकारात्मक संदेश दिया है। हत्याकांड के बाद जो आक्रोश और असंतोष लोगों में था, वह अब कुछ हद तक शांत हुआ है क्योंकि उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनके दुःख और आक्रोश को सरकार ने गंभीरता से लिया।
इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री धामी की भूमिका निर्णायक रही। उनका संवेदनशील रवैया, तत्पर निर्णय और प्रभावी कार्यवाही राज्य की प्रशासनिक प्रतिबद्धता का परिचायक है। यह मामला उत्तराखंड में कानून के प्रति एक मिसाल बनकर सामने आया है कि न्याय की डगर भले ही लंबी हो, लेकिन सरकार अगर संकल्पित हो, तो अपराधी बच नहीं सकते।
जनता को उम्मीद है कि इसी प्रकार की संवेदनशीलता और सख्ती आगे भी बरती जाएगी ताकि कोई और अंकिता इस तरह की वीभत्स घटना का शिकार न हो।
